Kanha

कान्हा हैं दिवाने राधा के,
मीरा है दिवानी नटनागर की,
बूँदें हैं दीवानी झरने की,
नदियाँ हैं दिवानी सागर की,
बरसा दो कुछ बूंदे हम पे भी कान्हा,
मिट जाए प्यास जीवन गागर की.


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