पेड़ों की शाखों को कई दफ़ा, ख़ुद की जड़ें काटते हुए देखा है, औरों के आँसू पोछने वालों को, ज़ार-ज़ार रोते हुए देखा है, ज़िन्दगी के सिक्के के भी दो पहलू हैं, कहीं प्यार है तो कहीं धोखा है, फिर भी इस जद्दो-जहद भरी ज़िन्दगी में, मैंने खुद को कई गुनाह करने से रोका है.